चाहे जितने बाद मिले |
अच्छा आदमज़ाद मिले ||
दहशत से आज़ाद मिले |
हर कोई आबाद मिले ||
फ़स्लें फन की खूब उगें |
एसी उम्दा खाद मिले ||
जायज़ सबको आज अभी |
सरकारी इमदाद मिले ||
हो फल वाले पेड़ सभी |
सब को मीठा स्वाद मिले ||
अय्याशों के देख लिए |
सब के घर बरबाद मिले ||
अच्छा कोई शेर कहे |
तो ‘सैनी’को दाद मिले ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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