तू जो जा रहा है यूँ रूठ कर तुझे क्या हुआ मेरे हमसफ़र |
कुछ तो मुझे भी हो अब ख़बर तुझे क्या हुआ मेरे हमसफ़र ||
तेरा ध्यान है जो इधर उधर तुझे क्या हुआ मेरे हमसफ़र |
सब की लगी तुझ पर नज़र तुझे क्या हुआ मेरे हमसफ़र ||
तू जो कर रहा है अगर मगर तुझे क्या हुआ मेरे हमसफ़र |
सोया नहीं जो तू रात भर तुझे क्या हुआ मेरे हमसफ़र ||
कुछ तो बता क्यूँ हैं चश्म -ए- तर तुझे क्या हुआ मेरे हमसफ़र |
हैं सवाल अब मेरी ज़ात पर तुझे क्या हुआ मेरे हमसफ़र ||
है जो ‘सैनी’ तेरे ही साथ ग़र तुझे क्या हुआ मेरे हमसफ़र |
क्यूँ सता रहा तुझे आज डर तुझे क्या हुआ मेरे हमसफ़र ||
डा० सुरेन्द्र सैनी